गन्ने की किस्म सीओएच 160 हरियाणा में बुवाई के लिए अधिसूचित

सीओएच 160 किस्म शरद और वसंत, दोनों ऋतुओं, में बोई जा सकती है

भारत सरकार की फसल मानक, अधिसूचना एवं अनुमोदन केंद्रीय उप-समिति ने उच्च शर्करा और जल्दी पकने वाली गन्ने कि किस्म सीओएच 160 को हरियाणा के लिए अधिसूचित किया है। इस किस्म को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्विद्यालय (एचएयू) के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, उचानी, जो कि करनाल ज़िला में स्थित है, ने विकसित किया है।

एचएयू ने इस किस्म को प्रमुख किस्म सीओ 0238 के बदल के रूप में विकसित किया है जो लाल सड़न, स्मट और अन्य बीमारियों के लिए अतिसंवेदनशील हो गई है। यह चोटी भेदक और अन्य कीट-पतंगों के लिए भी अतिसंवेदनशील हो गई है।

इसलिए सीओएच 160 किस्म किसानों की ज़रूरतों और उद्योग की मांग को ध्यान में रखकर विकसित की गई है। जल्दी पकने के कारण मिलों में भी इसके लिए शुरूआत से ही अधिक मांग रहती है।

सीओएच 160 किस्म का तना मध्यम आकार का मोटा होता है जिसमें बड कुशन होता है। इसकी पत्तियां गहरी हरी व इनकी मध्यम चौड़ी पत्ती वाली कैनोपी होती हैं। इसके पत्ते झुके हुए होते हैं। इनमें बोबिन के आकार के इंटर्नोड्स होते हैं। इसका तना ठोस होता है जिसमें छेद न के बराबर होते हैं जिससे इसमें रस की मात्रा अधिक होती है।

इस किस्म की 838 क्विंटल प्रति हेक्टेयर (335.2 क्विंटल प्रति एकड़) की औसतन पैदावार आंकी गई है। इसके अलावा यह किस्म गिरती नहीं है और मोढी फ़सल भी ली जा सकती है। इस किस्म के रोपण के 300 दिनों में ही खांड का अंश उच्च स्तर का (18.55 प्रतिशत) होता है, जिससे प्रति हेक्टेयर 11.36 टन वाणिज्यिक गन्ना चीनी प्राप्त होती है।

सीओएच 160 एक बहुमुखी किस्म है, जो शरद और वसंत, दोनों ऋतुओं, में बोई जा सकती है। इस किस्म में अन्य किस्मों की तुलना में सिफारिश की गई एन पी के की मात्रा 25 प्रतिशत तक अधिक डाल सकते हैं ताकि उत्पादन अधिक हासिल हो सके।

इस किस्म को विकसित करने में ए एस मेहला, एस पी कादियान, एम सी कंबोज और उनके सहयोगी एच एल सेहतिया, राकेश मेहरा, समर सिंह, विजय कुमार, मेहर चंद, रण सिंह और सरोज जयपाल शामिल हैं।

अगर इसे व्यापक अंतर से कतारों में लगाया जाए तो यह किस्म मशीनी कटाई के लिए उपयुक्त है। सीओएच 160 बहु-मोढी किस्म है जिससे दो मोढी फ़सलें ली जा सकती हैं, इस प्रकार किसान की रोपण लागत में काफी बचत होती है। यह लाल सड़न और अन्य प्रचलित बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी है। इसने प्रमुख बेधक और चूसने वाले कीटों के ख़िलाफ़ भी सबसे कम संवेदनशील प्रतिक्रिया दिखाई।

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CoH 160 sugarcane

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